मुंबई। बांबे हाई कोर्ट ने गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति से सवाल किया कि क्या कोरोना वायरस महामारी किसी संक्रमित व्यक्ति को छूने से फैल सकती है। मामला हवाई यात्रा के दौरान बीच की सीटी खाली रखने को लेकर दायर याचिका से जुड़ा है।
जस्टिस एसजे कथावाला और जस्टिस एसपी तवाडे की खंडपीठ ने एयर इंडिया के पायलट देवेन कनानी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। याचिका में दावा किया गया है कि विदेश में फंसे लोगों को भारत लाने के दौरान एयर इंडिया बीच की सीट खाली नहीं रख रही है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने विशेषज्ञ समिति से ये सवाल किया। बता दें कि भारत सरकार ने बड़ी संख्या में विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाया है, लेकिन इस दौरान फ्लाइट में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया
इसी तरह भाजपा विधायक आशीष शेलकर की याचिका पर बांबे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और बृहनमुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन को हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया है कि कोविड 19 से मृत व्यक्तियों के शवों से निपटान किस तरह किया जा रहा है। हाई कोर्ट ने पूछा है कि इन मृत लोगों का अंतिम संस्कार कैसे किया जा रहा है। बता दें कि मुंबई में कई वीडियो सामने आए जिसमें अस्पतालों में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का उपचार शवों के बीच ही किया जा रहा है।
इधर भाजपा सांसद किरीट सोमैया की याचिका पर बांबे हाई कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि कोरोना संक्रमण के इस प्रकोप के दौरान क्या निजी एंबुलेंस को मांगने की उसकी कोई योजना है। चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस अमजद सैयद की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान सोमैया ने ये मामला रखा था। बता दें कि सोमैया ने अपनी याचिका में मुंबई में एंबुलेंस की कमी पर चिंता व्यक्त की
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