कराची में प्रदर्शन,इस्लाम अपनाया हिंदू युवती ने नारेबाजी मियां मिट्ठू के खिलाफ-पाकिस्तान


आपको बता दें कि 20 वर्षीय महक केसवानी के डिफेंस हाउसिंग इलाके से 13 दिसंबर को लापता हो गई थीं। सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में महक को यह कहते देखा जा सकता है कि वह किसी के दबाव में नहीं है, उसे किसी ने बंधक नहीं बनाया हुआ है और उसने स्वेच्छा से इस्लाम अपना लिया है।  पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची के पॉश इलाके से लापता हुई हिंदू युवती के कथित अगवा और जबरन धर्मातरण के खिलाफ बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं, हिंदू समुदाय के सदस्यों और युवती के परिजनों ने प्रदर्शन किया और युवती की सकुशल वापसी की मांग की। 


एक हिंदू सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि यह कैसे हो गया कि अपहर्ता महक को कराची से 700 किलोमीटर दूर घोटकी ले गए और पुलिस व अन्य अधिकारियों को खबर नहीं हुई, वह भी तब जब उसके अपहरण का मामला दर्ज कराया जा चुका था। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने पूछा कि आखिर केवल युवा हिंदू लड़कियां ही क्यों इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित होती हैं? क्यों नहीं अधिक उम्र की हिंदू महिलाएं यही काम कर रही हैं? हिंदू समाज के एक नेता राजकुमार ने कहा कि 'हम केवल इसलिए हमारे ऊपर डाले जाने वाले दबाव और धमकियों से थक चुके हैं कि हम धार्मिक अल्पसंख्यक हैं।' 


वीडियो में उसे यह कहते देखा जा सकता है कि उसका नया नाम महक फातिमा है। वीडियो के मुताबिक, महक ने घोटकी जिले के धारकी में दरगाह भरचूंदी शरीफ में इस्लाम अपनाया। इस दरगाह का पीर हिंदू महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन के लिए कुख्यात मियां मिट्ठू है। उसके भांजे मियां जावेद ने महक को मुस्लिम बनाने की रस्म पूरी की। लेकिन, प्रदर्शन में शामिल महक के घरवालों ने कहा कि महक को कराची से अगवा किया गया और अब पता चल रहा है कि उसने इस्लाम अपना लिया है। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि महक का वीडियो बयान किसी दबाव का नतीजा है। हम अतीत में धर्मातरण के ऐसे मामले देख चुके हैं। यह मामला भी जबरन धर्म पविर्तन जैसा ही लग रहा है।


उन्होंने हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मपरिवर्तन करा उनकी शादी कराने के लिए कुख्यात मियां मिट्ठू के खिलाफ भी नारे लगाए।प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय के उत्पीड़न के खिलाफ नारे लगाए।